हर कोइ अपनी ही लड़ाई में आगे है ।
पर हर पल सोचता है, किसी और से आगे बढ़ना है॥
दो पल कि जिंदगी मैं ।
अपने साये को पीछे छोड़ने कि कोशिश है ॥
है चाहत खुदसे तो, पूछ लो अपने ज़मीर से।
हर पल उसके वक़्त ने क्या चाहा है॥
हर बार पलट के येही आयेगि।
तू है खूबसूरत, उससे भी ज़यादा खूबसूरत तेरी ज़िन्दगी॥
खुदी को ले ढूंढ, आपने आप को पहचान ।
उसी में खुसी है, न कोई बैर ना लड़ाई।
आपने ही लम्हों में, खुदी को जी लेंगे।
अपने इसी खुसी में, जिले आपनी ज़िन्दगी को ॥
पर हर पल सोचता है, किसी और से आगे बढ़ना है॥
दो पल कि जिंदगी मैं ।
अपने साये को पीछे छोड़ने कि कोशिश है ॥
है चाहत खुदसे तो, पूछ लो अपने ज़मीर से।
हर पल उसके वक़्त ने क्या चाहा है॥
हर बार पलट के येही आयेगि।
तू है खूबसूरत, उससे भी ज़यादा खूबसूरत तेरी ज़िन्दगी॥
खुदी को ले ढूंढ, आपने आप को पहचान ।
उसी में खुसी है, न कोई बैर ना लड़ाई।
आपने ही लम्हों में, खुदी को जी लेंगे।
अपने इसी खुसी में, जिले आपनी ज़िन्दगी को ॥